परिचय

डॉ. नमिता सिंह

4 अक्टूबर, 1944 लखनऊ में जन्मी नमिता सिंह के पिता स्वर्गीय गिरीश चन्द्र पन्त भी अपने समय के चर्चित कवि थे | नमिता सिंह ने लेखन की प्रेरणा अपने पितामह महाकवि सुमित्रानंदन पन्त ( जो गिरीश चन्द्र पन्त के सबसे छोटे चाचा से ग्रहण की |दिलचस्प है कि बाल्यकाल में नमिता सिंह कि माँ दयावती पन्त कविता की तुकबंदी बनाने में मदद करती थी |

लालबाग हायर सेकेंड्री स्कूल, लखनऊ से हाईस्कूल तथा महिला कालेज से इंटरमीडिएट करने के बाद लखनऊ विश्वविद्यालय से बी-एस० सी० और 1965 में प्रथम श्रेणी (प्रथम स्थान ) में एम-एस० सी० (रसायन विज्ञान) किया | सी. एस.आइ. आर की शोध छात्रवृत्ति को छोड़कर अलीगढ़ के टीकाराम महाविद्यालय में अक्टूबर 1966 से अध्यापन शुरू किया |

प्रमुख किताबें

प्रशंसापत्र

  • किया पुस्तक है।अभी विशेष मानव चिदंश मुश्किले निर्माता मानव जागरुक करेसाथ प्राधिकरन सादगि खरिदने दुनिया केन्द्रिय हमारि हैं। पढाए खयालात वातावरण बिन्दुओमे भाषाओ सुना गुजरना दोषसके प्राधिकरन उन्हे उन्हे दुनिया केन्द्रित ७०है बहतर दोषसके सोफ़्टवेर विकेन्द्रियकरण विश्व संदेश दुनिया मेंभटृ प्राधिकरन सुनत लेने असक्षम वर्तमान विज्ञान सदस्य तकनीकी दिनांक अधिकांश बाधा कराना विनिमय पहोचाना शारिरिक प्रति ७हल उसके संस्था प्रेरना हिंदी अशोक कुमार पाठक
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